डोबरा चाँठी पुल(suspension Bridge) बनने के फ़ायदे और नुक़सान

डोबरा चाँठी पुल के बनने से फ़ायदे और नुक़सान 

डोबरा चाँठी- 

डोबरा चाँठी पुल उत्तराखंड के टिहरी ज़िले के डोबरा और चाँठी नामक दो गाँवों के बीच पुल है । पुल की कुल लंबाई 725 मीटर है, जिसमें से 440 मीटर झूला पुल है। वहीं 260 मीटर डोबरा साइड और 25 मीटर का एप्रोच पुल चांठी की तरफ बनाया गया है। इस पुल की चौड़ाई 7मीटर है, जिस पर 5 मीटर पर वाहन चलते है, और 1-1 मीटर की चौड़ाई पर दोनो ओर फ़ुटपाथ बनाया गये हैं। 7 अगस्त 2019 को सी एम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस पुल का उद्घाटन किया । इस पुल के डिज़ाइन के लिए अंतर्राष्ट्रीय टेंडर निकाला गया। इस पुल के निर्माण पर कुल 1अरब 25 करोड़ का खर्चा किया गया।



डोबरा चाँठी पुल की विशेषताएँ

1- इस पुल को देखने के लिए लोग विदेशों से यहाँ घूमने आते हैं ।
2- इस पुल पर रंग बिरंगी लाइटों की सजावटें की गयी है, जो प्रत्येक 10 सेकंड में बदलती रहती हैं ।
3- इस पुल को दिन में देखने में भी मज़ा लेकिन रात को इस पुल की सुंदरता लाइटों की वजह से और भी बढ़ जाती है ।

4- यह भारत का सबसे लम्बा पुल माना जाता है ।
5- इस पुल को “संस्पेन्सन ब्रिज” (suspension bridge)  के नाम से भी जाना जाता है ।

डोबरा चाँठी पुल बनने से फ़ायदे  

1- डोबरा चाँठी पुल बनने से प्रतापनगर ब्लॉक के आवाजाही के रास्ते खुल गये, जो कि टिहरी डैम बनने से ध्वस्त हो गये थे ।
2- इस पुल के निर्माण के बाद यह एक पर्यटक स्थल के रूप में बदल गया।
3- डोबरा और चाँठी के लोगों को रोज़गार के अवसर प्राप्त हुए। वे यहाँ छोटे-छोटे ढाबे खोलकर खूब मुआवज़ा कमाने लगे।
4- यहाँ गर्मियों में बोटिंग जैसे रोमांचिक कार्य किए जाते हैं ।

डोबरा चाँठी पुल बनने से नुक़सान

1- चूँकि पर्यटक स्थल होने के कारण लोग यह घूमने के लिए आते हैं, तो वे यहाँ  आकर चिप्स इत्यादि वस्तुएँ खाकर कूड़ा कचरा यही फेंक देते हैं।
2- इस पुल पर लाइटों की सजावटों से विद्दुत की अत्यधिक खपत होती है ।



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