GSAT 30 के फायदे और नुकसान

दोस्तों, आज की इस नए लेख में आपको, (GSAT 30) के बारे में बताए जा रहा हूँ। इसरो द्वारा यह प्रोजेक्ट 17 जनवरी को लांच होने वाला है। इस सेटेलाइट के फायदे और नुकसान के बारे में आपको बताने वाला हूं। तो इस लेख को शुरू से लेकर लास्ट तक जरूर पढ़ें, और मेरा नाम है राजेंद्र और आप देख रहे हैं topfaida.com

GSAT 30 की लॉन्चिंग।

दोस्तों इसरो 14 जनवरी को फ्रेंच गयाना में यूरोपीय स्पेसपोर्ट से GSAT 30 लॉन्च करेगा। यह भारत में 2020 का पहला उपग्रह है। इसरो ने एक उच्च-थ्रूपुट संचार उपग्रह लॉन्च करने का फैसला किया।

GSAT 30 के बारे में।

यह लांच के 42 मिनट बाद जिओ ऑर्बिट में स्थापित होगा।  इसका वजन 3450 kg है। इसमें २ सोलर पैनल और बैटरी लगी है। 
Advantages and disadvantages of GSAT 30
GSAT 30 के फायदे और नुकसान

GSAT 30 के फायदे ।

  1. संचार व्यवस्था और भी मजबूत होगी 
  2. इंटरनेट टेक्नोलॉजी में नई क्रांति
  3. 15 सालों तक काम करेगा। 
  4. बेहद ताकतवर संचार उपग्रह। 
  5. जीसैट 30 से ट्रेनों के समय अनुसार चलने मदद।
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संचार व्यवस्था और भी मजबूत होगी। 

जीसैट 30 एक संचार उपग्रह है। यह पूरे भारत में संचार व्यवस्था को बहुत तेजी से देगा। इस सैटेलाइट से ग्रामीण इलाको में संचार व्यवस्था में बहुत ज्यादा सुधर होगा। भारत के कोने-कोने तक संचार व्यवस्था कायम हो पायेगी। और यह बहुत सारे छेत्र में काम करेगा। जैसे कि इंटरनेट, दूरसंचार, रेलवे , हवाई जहाज ट्रैकिंग और मौसम की सटीक जानकारी और अन्य कई छेत्र में यह सैटेलाइट काम करेगा।

इंटरनेट टेक्नोलॉजी में नई क्रांति।

अभी पूरे भारतवर्ष में इंटरनेट व्यवस्था सुचारू रूप से नहीं चल पाती है। भारत में बहुत सारे ऐसी जगह हैं, जहां तक अभी भी इंटरनेट पहुंचा ही नहीं है। और जहां पहुंचा है, वहां इसकी स्ट्रैंथ और स्पीड बहुत ही कम होती है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए जिसे जीसैट ३० को लॉन्च किया जा रहा है। इससे इंटरनेट टेक्नोलॉजी मैं नयी क्रांति आएगी। और देश के कोने-कोण में इंटरनेट व्यवस्था सुचारु रुप से चल पाएगी। इसका बड़ा फायदा ग्रामीण इलाकों को मिलेगा।

15 सालों तक काम करेगा।

दोस्तों इस सेटेलाइट में 4 मीटर लंबे सोलर पैनल लगे हैं जिसकी मदद से यह चार्ज होता रहेगा और यह 15 सालों तक भारत के लिए काम करता रहेगा। यह अन्तरिक्ष में  jio electrical ऑर्बिट में स्थापित किया जायेगा। जो की पूरी भारत में उच्च मल्टी  बीम उपलब्ध कराएगा।

बेहद ताकतवर संचार उपग्रह। 

दोस्तों यह सेटेलाइट जीसेट सीरीज का सबसे ताकतवर सेटेलाइट है। यह पूरे भारत में मल्टीबीम कवरेज प्रदान करेगा। जिससे कि पूरे भारत में इंटरनेट व्यवस्था तेजी से चल पाएगी। और इसकी मदद से हमें मौसम की सटीक जानकारी, रेस्क्यू ऑपरेशन, टेलीविज़न उपलिंक, जीसेट नेटवर्क, डिजिटल सेटेलाइट, न्यूज़ गेदरिंग, dth टेलीविज़न जैसी सुविधा प्रदान करेगा। 

जीसैट 30 से ट्रेनों के समय अनुसार चलने मदद।

जीसैट ३० ट्रेनों की ट्रेनिंग के लिए बहुत ही कारगर साबित होगा। इससे ट्रेनों की सही लोकेशन ट्रैक कर पाने में आसानी होगी। और ट्रेनों को समयानुसार व्यवस्थित किया जाएगा। और इससे कम्युनिकेशन और नेविगेशन में बहुत ही आसानी होगी। जिससे कि ट्रेनों का लेट होना बहुत ही कम हो जाएगा। 

मौसम की सटीक जानकारी। 

अभी तक मौसम का सही पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता था। लेकिन जीसैट ३० के लॉन्च होने के बाद मौसम की सटीक जानकारी आप तक पहुंचेगी। जिससे की मौसम  का पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा और रेस्क्यू ऑपरेशन मैं बहुत ही मदद मिल पाएगी। 

GSAT 30 के नुकशान।

  1. यह बहुत ही खर्चीला है। 
  2. बनाने मैं बहुत ज्यादा समय लगना।
  3. बहुत ज्यादा रेडिएशन। 

यह बहुत ही खर्चीला है।

दोस्तों यह सेटेलाइट बहुत ही महंगे होते हैं। इनका बजट लाखों करोड़ों रुपए होता है।  इनमें लगे उपकरण बहुत ही महंगे होते हैं। जिसकी मदद से यह काम कर पाते हैं। इन उपकरणों में कोई भी खराबी आने से पूरा मिशन असफल हो सकता है। जिस कारण से लाखों करोड़ों रुपए का नुकसान हो सकता है। 

बनाने मैं बहुत ज्यादा समय लगना।

दोस्तों इन सभी सेटेलाइट को बनाने में बहुत ही ज्यादा धन और समय खर्च होता है। और  इसमें  हमारे वैज्ञानिकों बहुत सारी मेहनत भी लगती है। और अगर इसमें कोई भी गलती रह जाती है। तो इससे हमारा धन के साथ-साथ समय की भी बर्बादी हो जाती है। लेकिन इससे हमें कुछ सीख भी मिल जाती है। 

बहुत ज्यादा रेडिएशन।

इसके फायदे तो बहुत है, लेकिन इसके नुकसान भी होते हैं। जैसे कि रेडिएशन, जी हां दोस्तों यह सेटेलाइट बहुत ही ज्यादा फ्रीक्वेंसी पर काम करता है। जिससे कि हमारे आसपास बहुत ही ज्यादा मात्रा में रेडिएशन उत्पन्न हो जाता है। जिसका असर हमारी आने वाली पीढ़ी और स्वास्थ्य पर हो सकता है।

Read in english: Advantages and disadvantages of GSAT 30
Read more: Advantages and disadvantages of 5g

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